ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम

ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम
मन को हरता जाये
मन ये चाहे हरपल अंखियां
तेरा दर्शन पाये
दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आश है मेरी
जय श्री राधेकृष्णा।।
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