अंदाज कुछ अलग हैं

अंदाज कुछ अलग हैं,
मेरे सोचने का.!!!

सबको मंजिल का शोक हैं.!!!
और मुझे सही रास्तों का.!!!
ये दुनिया इसलिए बुरी नहीं कि, !!!
यहाॅ बुरे लोग ज्यादा हैं.!!!
बल्कि इसलिए बुरी हैं कि,!!!
यहाँ अच्छे लोग खामोश हैं.!!!

?सुप्रभात?


by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *