✍ एक चाहत होती है… अपनों के साथ जीने की,
वरना पता तो हमें भी है …कि मरना अकेले ही है!”
मित्रता एवं रिश्तेदारी
“सम्मान” की नही
“भाव” की भूखी होती है…
बशर्तें लगाव
“दिल” से होना चाहिए
“दिमाग” से नही.
??शुभ प्रभात?
एक चाहत होती है अपनों के साथ
by
Tags:
Leave a Reply