एक दिन उम्र ने तलाशी ली,
तो जेब से लम्हे बरामद हुए
कुछ ग़म के थे,_
कुछ नम से थे,_
कुछ टूटे हुए थे,_
जो सही सलामत मिले..
वो बचपन के थे..!!
एक दिन उम्र ने तलाशी ली,
तो जेब से लम्हे बरामद हुए
कुछ ग़म के थे,_
कुछ नम से थे,_
कुछ टूटे हुए थे,_
जो सही सलामत मिले..
वो बचपन के थे..!!
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