एक बार अयोध्या, दो बार द्वारिका,
तीन बार जा के त्रिवेणी में नहाओगे,
चार बार चित्रकूट, नौ बार नासिक,
बार बार जा के बदरीनाथ घूम आओगे,
कोटि बार काशी, केदारनाथ, रामेश्वर
गया, जगन्नाथपुरी , चाहे जहाँ जाओगे,
होंगे प्रत्यक्ष दर्शन श्यामा श्याम के,
वृंदावन सा कहीं आनँद नहीँ पाओगे,
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?शुभ संध्या?
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