कण-कण में रम रही है प्यारी छवि तुम्हारी,,,,,,
तूं खास है बिहारी मेरा, तेरा मैं दास ‘बिहारी ,,,,,,!
बेकार में तकरार में, क्या रखा मेरे सरकार,,,,,
ना करना इन्कार, ना मानेंगे हम हार ,,,,,,,,!!!
?राधे राधे ?
?”जय श्री राधेकृष्ण”?
कण कण में रम रही है प्यारी छवि तुम्हारी
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