कभी साथ बैठो…
तो कहूँ कि दर्द क्या है…
अब यूँ दूर से पूछोगे…
तो ख़ैरियत ही कहेंगे !!!
मकानों के भाव
यूँ ही नहीं बढ़ गए…दोस्तो,
रिश्तों में पड़ी दरारों का
फायदा बिल्डर उठा गए…!!
सुख मेरा काँच सा था~
न जाने कितनों को चुभ गया..!!!
आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,
दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया
किसी ने मुझ से पूछा कि पूरी जिंदगी में क्या किया ?
मैंने हसकर जवाब दिया ,
किसी के साथ छल कपट नहीं किया..
???जय श्री कृष्ण???
Leave a Reply