सुप्रभात।।।
कल शीशा था, सब देख-देख कर जाते थे।
आज टूट गया, सब बच-बच कर जाते हैं।
समय के साथ बदल जाता है।
देखने और इस्तेमाल का नजरिया
???
आपका दिन मंगलमय हो
सुप्रभात।।।
कल शीशा था, सब देख-देख कर जाते थे।
आज टूट गया, सब बच-बच कर जाते हैं।
समय के साथ बदल जाता है।
देखने और इस्तेमाल का नजरिया
???
आपका दिन मंगलमय हो
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