स्वामी विवेकानंद जी कहते थे
“कि तुम मुझे पसंद करो या मुझसे नफरत, दोनो ही मेरे पक्ष में हैं।”
“क्योंकि अगर तुम मुझको पसंद करते हो तो, मैं आपके दिल में हूँ,
और अगर तुम मुझ से नफरत करते हो , तो मैं आपके दिमाग में हूं !!”
“पर रहूंगा आप के पास ही”
???शुभ प्रभात???
?आपका दिन मंगलमय हो?
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