केवल मन से चाहा हैं जिन्हें..
उनके दर्शन की तमन्ना की है !
काश !..हर सांस पर कोई ..
“कृष्ण” ”कृष्ण” लिख दे ,
और हर लम्हा सिर्फ ”कृष्ण” कहें !.
क्यों की हर सांस पे..
उन्हें ही पाने की दुआँ की हैं !!”
??जय श्री “राधेकृष्णा”??
केवल मन से चाहा हैं जिन्हें..
उनके दर्शन की तमन्ना की है !
काश !..हर सांस पर कोई ..
“कृष्ण” ”कृष्ण” लिख दे ,
और हर लम्हा सिर्फ ”कृष्ण” कहें !.
क्यों की हर सांस पे..
उन्हें ही पाने की दुआँ की हैं !!”
??जय श्री “राधेकृष्णा”??
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