खुशियाँ उतनी ही ..अच्छी ..
जितनी …मुठ्ठी… में समा जाए,
छलकती बिखरती खुशियों को
अक्सर… ज़माने ..की नजर लग जाती है….
?शुभ प्रभात?
खुशियाँ उतनी ही ..अच्छी ..
जितनी …मुठ्ठी… में समा जाए,
छलकती बिखरती खुशियों को
अक्सर… ज़माने ..की नजर लग जाती है….
?शुभ प्रभात?
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