जब रुक-रुक के हिंचकियां आएं न

,,हे,,साँवरे ,,,,

जब रुक-रुक के हिंचकियां आएं न,

तो समझना…☺

हम छुप-छुप के याद कर रहे है तुम्हें..??
जय श्री श्याम ,,,


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