जब हाथ पकड़ता है बाबा …तो तार देता है
अपने हर प्यारे को… बस प्यार देता है
बाबुल की तरह हम बच्चों को पाला है
हर प्रेमी के पथ पर करता उजाला है।
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श्री: श्याम: देवाय: नम:
श्री: हारे के सहारे की जय:
श्री: तीन बाण धारी की जय:
श्री: कलयुगी अवतार की जय:
श्री: लीले के असवार की जय:
श्री: शीश के दानी की जय:
श्री: खाटु के नरेश की जय:
श्री: लख दातार क़ि जय:
श्री: सावारियाँ सरकार क़ि जय:
श्री: खाटु धाम की जय:
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