हे कान्हा ……..
“जहाँ बेचैन को चैन मिले वो घर तेरा वृन्दावन है… ….
जहां आत्मा को परमात्मा मिले वो दर तेरा वृन्दावन है…..
मेरी रूह तो प्यासी थी, प्यासी है तेरे लिए सांवरिया….
जहां इस रूह को जन्नत मिले वो स्थान ही मेरा श्री वृन्दावन है……
जय श्री कृष्णा राधे राधे जी
जहाँ बेचैन को चैन मिले वो घर तेरा
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