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ज़िक्र हुआ जब मेरे श्याम की रहमतों का,
हमने खुद को खुशनसीब पाया।
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की,
मेरा श्याम खुद दोस्त बनकर चला आया,
???जय श्री श्याम???
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ज़िक्र हुआ जब मेरे श्याम की रहमतों का,
हमने खुद को खुशनसीब पाया।
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की,
मेरा श्याम खुद दोस्त बनकर चला आया,
???जय श्री श्याम???
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