???????????
जाने कभी गुलाब लगती है
जाने कभी शबाब लगती है
तेरी आखें ही हमें बहारों का
ख्बाब लगती है
मै पिए रहू या न पिए रहू,
लड़खड़ाकर ही चलता हू
क्योकि तेरी गली कि हवा
भी मुझे शराब लगती है ⚡
?बोलिये बांके बिहारी लाल की जय ?
???????????
???????????
जाने कभी गुलाब लगती है
जाने कभी शबाब लगती है
तेरी आखें ही हमें बहारों का
ख्बाब लगती है
मै पिए रहू या न पिए रहू,
लड़खड़ाकर ही चलता हू
क्योकि तेरी गली कि हवा
भी मुझे शराब लगती है ⚡
?बोलिये बांके बिहारी लाल की जय ?
???????????
by
Leave a Reply