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Զเधे Զเधे
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?? ?हे मेरे साँवरे…… मेरे प्यारे बिहारी जी..?
जो छू ले तेरे चरणो की धूल वो मिट्टी से सोना बन जाये,
इक नजर जिस पर पड़ जाये, वो कंकर भी कोहिनूर कहलाये,
खाली दामन भर देता है , हर मुराद पूरी कर देता है ,
जब देने पर आता है तो लिखा तकदीर का भी बदल देता है
इसलिए तेरी मस्ती की लहर मे हम बहते चले जायेंगे,
जो भी मिलेगा उससे “जय श्री कृष्ण” कहते चले जायेंगे,
मेरे गोविन्द के चरणों में बैठ जाना”
“बादल तो कभी कभी बरसते हैं,
मगर ?मेरे गोविन्द? की कृपा हर पल बरसती है
जयबांकेबिहारीजीकी_???..??
जो छू ले तेरे चरणो की धूल वो
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