??जय श्री राधे कृष्णा जी??
जो नूर मेरे कान्हा मे है…
वो नूर किसी बहारो मे नही…
जो तेज मेरे कान्हा के मस्तक पर है…
वो तेज किसी सूर्य मे नही….
जो शीतलता मेरे कान्हा के चेहरे मे है…..
वो शीतलता किसी चंद्रमा मे नही……
जो महक मेरे कान्हा के चरण कमलो मे है….
वो महक किसी चंदन या गुलाब मे नही….
नाज़ है अपनी तकदीर पर जो मैंने कान्हा पाये..
??।।राधे राधे जी?।।??
जो नूर मेरे कान्हा मे है
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