??हे सावरे♥
झुका रहे यह शीश सदा “सेठ “तेरे दरबार के आगे,
जब भी पुकारा ह्रदय से सुलझे जिंदगी के सारे धागे…
करूँ कर्म अच्छे ,रहूँ सच्चे मार्ग पर,
यही भीख है माँगता सदा तेरे दरबार के आगे…??
???जय श्री सावलिया सेठ ???
??हे सावरे♥
झुका रहे यह शीश सदा “सेठ “तेरे दरबार के आगे,
जब भी पुकारा ह्रदय से सुलझे जिंदगी के सारे धागे…
करूँ कर्म अच्छे ,रहूँ सच्चे मार्ग पर,
यही भीख है माँगता सदा तेरे दरबार के आगे…??
???जय श्री सावलिया सेठ ???
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