श्याम..
तू मुझे,चाहे या न चाहे …..
ताउम्र तुझसे चाहत का वादा है……
तुझसे मुझे मुहब्बत तो है ही…..
तुझपे यकीन खुद से ज्यादा है……
बेरूखी का सबब नही जानता……
मेरा दिल भी बड़ा ही नादां है……
कोई बनावट नही मेरी बातों में……
मेरा मतलब बड़ा ही सादा है,….
तुझसे कुछ नही चाहिए मुझे…..
बस तुझे ही पाने का इरादा है…
जो तू न मिला मुझे तो मानो…..
मेरा जीना आधा,मरना आधा है…
??जय श्री श्याम जी??
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