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दीन बंधु दीना नाथ रमा नाथ ब्रज नाथ
राधा नाथ मो अनाथ की सहाय कीजिये।
तात मात भ्रात कुलदेव गुरदेव स्वामी
नातो तुम ही सों मेरी टेर सुन लीजिये
रिझिये निहाल देर कीजिये न मेरे नाथ
दीन जान दास मोहे शरण में लीजिये
कीजिये कृपा कृपाल साँवरे बिहारी लाल
मेरे दुःख जाल वास वृन्दावन दीजिये।।⚡
??????शुभ रात्रि??????
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