कान्हा…………
दुखो की धूप में तू छांव बनकर आया है……
मेरी हर तकलीफ को तूने हर बार अपनाया है……..
कैसे करूँ तेरा शुक्रिया मेरे कान्हा………
तूने ही तो मुझ जैसे कंकर को हीरा बनाया है………
जय श्री राधे राधे जी
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कान्हा…………
दुखो की धूप में तू छांव बनकर आया है……
मेरी हर तकलीफ को तूने हर बार अपनाया है……..
कैसे करूँ तेरा शुक्रिया मेरे कान्हा………
तूने ही तो मुझ जैसे कंकर को हीरा बनाया है………
जय श्री राधे राधे जी
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