“दुध” से भरे
मिट्टी के बर्तन का दर्जा
“विष” से भरे
सोने के बर्तन से ऊँचा होता है…
इसी प्रकार मनुष्य की
बाहरी सुंदरता से अधिक
अंदरूदनी “संस्कारों” का मूल्य अधिक होता है !!
“तारीफ़” करने वाले बेशक “आपको” पहचानते होंगे,
मगर “फ़िक्र” करने वालो
को “आपको” ही पहचानना होगा |
?।। सुप्रभात ।।?
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