?नीलगगन से परे है वो वृंदावन को धाम…! ?
जहाँ श्याम बनीं है राधिका और राधा हो रही श्याम…! ❤
जहाँ रुप बेल प्यारी बनी, प्रीतम प्रेम तमाल…! ?
और दोउ मन मिल एक है भये, हमारी लाड़ली- लाल…!?
?❤जय श्री राधेकृष्णा ❤?
नीलगगन से परे है वो वृंदावन को धाम
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