● *भगवान को रहने के लिए जगह की कमी थोड़े ही है ।*
● *लेकिन भक्त के मन में, हृदय में रहने का मजा ही दूसरा है ।*
● *इसलिए भगवान निर्मल मन वाले को खोजते रहते हैं ।*
● *जैसे कोई निर्मल मन मिला उसमें बस जाते हैं । अतः भगवान को पाने के लिए हमें कुछ नहीं करना है। सिर्फ हमें अपने मन को निर्मल बना लेना है।*
● *सब छोड़कर हम अगर यह काम कर ले जाएँ तो भगवान हमें मिल जाएंगे।*
◆ *भगवान स्वयं कहते हैं-*
*निर्मल मन जन सो मोहि पावा ।*
*मोहि कपट छल छिद्र न भावा ।।*
?? *।। जय जय श्री सीताराम ।।* ??
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