सुप्रभात
मांगी हुई खुशियों से,
किसका भला होता है,
न डर रे मन दुनिया से,
यहाँ किसी के चाहने से,
नहीं किसी का बुरा होता है,
मिलता है वही,
जो हमने बोया होता है,
कर पुकार उस प्रभु के आगे,
क्योंकि सब कुछ उसी के बस में होता है
?प्रातः वंदन?
मांगी हुई खुशियों से,
किसका भला होता है,
न डर रे मन दुनिया से,
यहाँ किसी के चाहने से,
नहीं किसी का बुरा होता है,
मिलता है वही,
जो हमने बोया होता है,
कर पुकार उस प्रभु के आगे,
क्योंकि सब कुछ उसी के बस में होता है
?प्रातः वंदन?
by
Tags:
Leave a Reply