मुझे तैरने दे या फिर बहना सिखा दे,
अपनी रजा में अब तू रहना सिखा दे,
मुझे शिकवा ना हो कभी भी किसी से,
बाबा जी…मुझे सुख और दुख के पार जीना सिखा दे…
?जय जय श्याम जी की ?
मुझे तैरने दे या फिर बहना सिखा दे,
अपनी रजा में अब तू रहना सिखा दे,
मुझे शिकवा ना हो कभी भी किसी से,
बाबा जी…मुझे सुख और दुख के पार जीना सिखा दे…
?जय जय श्याम जी की ?
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