मूर्ति मे तुझे क्या देखूं

??हे कृष्णा ??​
​?मूर्ति मे तुझे क्या देखूं,​

​? तू नूर बनकर नैनो मे समाया है?​
​अब जिधर देखता हूं प्यारे?​

​? उधर तूने अपना रुप बनाया है?​
​इस आशिकी को कौन समझे,​

​? जग ने बहुत ठुकराया है?​
​पर गम नही किसी के रुठ जाने का?​

​ क्योकि मेरे कृष्णा ने मुझे अपनाया है
​??जय श्री कृष्णा??


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