मेरा भी खाता खोल दो,
‘भगवान’ अपने दरबार में,
आता हूँ निरंतर लेन देन के प्यापार में,
मेरे कर्मो के मूल पर,
आपके दर्शन का ब्याज लगा देना,
जो ना चूका पाऊं उधार तो,
अपना सेवादार बना देना,
??जय श्री श्याम??
मेरा भी खाता खोल दो
by
Tags:
मेरा भी खाता खोल दो,
‘भगवान’ अपने दरबार में,
आता हूँ निरंतर लेन देन के प्यापार में,
मेरे कर्मो के मूल पर,
आपके दर्शन का ब्याज लगा देना,
जो ना चूका पाऊं उधार तो,
अपना सेवादार बना देना,
??जय श्री श्याम??
by
Tags:
Leave a Reply