?जय श्री राधे कृष्णा?
मेरा श्याम….
काँटे भी देता है, गुलाब भी देता है,
अंधी आँखों को सुनहरे ख्वाब भी देता है,
मांगू गर चिराग तो वो आफताब भी देता है,
कैसे शुक्र करुँ उस साँवरिया का,
मैं थोड़ा मांगू वो बेहिसाब देता है..
?प्रेम से बोलो राधे राधे?
मेरा श्याम काँटे भी देता है
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