मेरी शरण में आने वाले भक्त के मन से चिन्ता उसी तरह से ओझल हो जाती है,जिस तरह से भोर होते ही आकाश से तारे ओझल हो जाते हैं
जय श्री कृष्ण ?
मेरी शरण में आने वाले भक्त के मन से चिन्ता उसी तरह से ओझल हो जाती है,जिस तरह से भोर होते ही आकाश से तारे ओझल हो जाते हैं
जय श्री कृष्ण ?
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