ये दबदबा ये हुकूमत ये नशा

ये दबदबा, ये हुकूमत, ये नशा,
ये दौलतें…

सब किरायेदार हैं,
घर बदलते रहते हैं..

मुस्कुराहट, अपनापन, स्वभाव
ये सब अपने है जनाब ………
इनसे ही हम सब फलते फूलते है।

??शुभप्रभात??


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