लोगों की अपेक्षाओं का कोई अन्त नहीं है।
जहाँ आप चूके वहीं पर लोग बुराई निकाल लेते हैं और पिछली सारी अच्छाईयों को भूल जाते हैं।
इसलिए अपना कर्म करते चलो।
लोग तो वैसे भी आपसे कभी संतुष्ट नहीं होगें।
? आपका दिन शुभ हो ?
लोगों की अपेक्षाओं का कोई अन्त नहीं है।
जहाँ आप चूके वहीं पर लोग बुराई निकाल लेते हैं और पिछली सारी अच्छाईयों को भूल जाते हैं।
इसलिए अपना कर्म करते चलो।
लोग तो वैसे भी आपसे कभी संतुष्ट नहीं होगें।
? आपका दिन शुभ हो ?
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