सफलता भी फीकी लगती है

“सफलता” भी फीकी लगती है, यदि कोई “बधाई देने वाला” नहीं हो।
और “विफलता” भी सुन्दर लगती है, जब आपके साथ “कोई अपना खड़ा” हो।*ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं* *और*

ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे है
जो
याद करने से
और मज़बूत हो जाते है।
??प्रातः वंदन??
???????????


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