*सुख और दुख में,*
*कोई ज्यादा भेद नहीं……!*
*जिसे मन स्वीकारें,*
*वह सुख और जिसे…….!*
*अस्वीकारें वह दुख…….!!*
*सारा खेल हमारी,*
*स्वीकृति और अस्वीकृति……!*
*का ही तो है……….!!!*
✍✍
*शुप्रभात*??
*सुख और दुख में,*
*कोई ज्यादा भेद नहीं……!*
*जिसे मन स्वीकारें,*
*वह सुख और जिसे…….!*
*अस्वीकारें वह दुख…….!!*
*सारा खेल हमारी,*
*स्वीकृति और अस्वीकृति……!*
*का ही तो है……….!!!*
✍✍
*शुप्रभात*??
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