??सुनी सी थी बगियाँ…बिखरी थी बस धूल….
ना जाने कब सींचा इसने… और खिल गये फूल…
??श्याम है संग तो हर मौसम… सुहाना लगता है*
बस मिलती है खुशियाँ… और गम अंजाना लगता है….✍
??जय श्री श्याम जी??
??सुनी सी थी बगियाँ…बिखरी थी बस धूल….
ना जाने कब सींचा इसने… और खिल गये फूल…
??श्याम है संग तो हर मौसम… सुहाना लगता है*
बस मिलती है खुशियाँ… और गम अंजाना लगता है….✍
??जय श्री श्याम जी??
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