सुनो मेरे घनश्याम…..
मेरी तमन्ना तो है यही कि…..
.काजल भगवत प्रेम का ,
नयनो मे लूं डार……….
कंठ मे भक्ति की माला हो ,
प्रभु सुमिरन का हार…
भक्त कदम वहाँ पर पड़े ,
जहाँ प्रभु का हो द्वार……
नयनों को बस आस रही ,
हरि दर्शन की आस…..
प्यास लगे जब कंठ को ,
प्रभु जल की हो प्यास……
Leave a Reply