??प्रातः कालीन अभिवादन??
✍?”स्वयं को माचिस की तीली न बनाएँ,
जो थोड़ा सा घर्षण लगते ही सुलग उठे,
स्वयं को वह शांत सरोवर बनाए, जिसमें कोई अंगारा भी फैंके तो,
…वह खुद ही बुझ जाए…।।”
ख़ुश रहें… स्वस्थ रहें…
मस्त रहें…
??llसुप्रभातम् ll??
??प्रातः कालीन अभिवादन??
✍?”स्वयं को माचिस की तीली न बनाएँ,
जो थोड़ा सा घर्षण लगते ही सुलग उठे,
स्वयं को वह शांत सरोवर बनाए, जिसमें कोई अंगारा भी फैंके तो,
…वह खुद ही बुझ जाए…।।”
ख़ुश रहें… स्वस्थ रहें…
मस्त रहें…
??llसुप्रभातम् ll??
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