हे लाङली मेरी श्री जी जो छू ले

हे लाङली मेरी श्री जी जो छू ले तेरे चरणों की धुल लाङली ll
वो मिट्टी भी सोना बन जाये ll
एक नजर जिस पर पड़ जाये तुम्हारी ll
वो कंकर भी कोहेनूर कहलाये ll
खाली दामन भर देती है ll
तू मुराद पूरी कर देती है ll
जब देने पर आती है तो.ll
लिखा तकदीर का भी बदल देती हैll
?जय श्री श्यामा जी?


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