हो जाऊँ “तुमसे” दूर फिर,,,
“मौहब्बत” किससे करुं..?
तुम हो जाओ नाराज”
फिर “शिकायत”
किससें करूं..❓
इस “दिल” में कुछ भी नहीं
तूम्हारी “चाहतों” के
सिवाय…???
अगर तुम्हें ही भूला “दूं
तो फिर प्यार,,,❤
किससे करु…⁉
मेरे साँवरिया,,,?
हो जाऊँ तुमसे दूर फिर
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