. ? विचार पुष्प ?
सार्वजनिक रूप से की गई आलोचना अपमान में बदल जाती है
ओर
एकान्त में बताने पर सलाह बन जाती है।
हम समझते कम ओर समझाते ज्यादा है।
इसीलिए सुलझते कम उलझते ज्यादा है।।
? Good morning ?
. ? विचार पुष्प ?
सार्वजनिक रूप से की गई आलोचना अपमान में बदल जाती है
ओर
एकान्त में बताने पर सलाह बन जाती है।
हम समझते कम ओर समझाते ज्यादा है।
इसीलिए सुलझते कम उलझते ज्यादा है।।
? Good morning ?
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