लाख जमाने भर की

लाख जमाने भर की
डिग्रीयाँ हो हमारे पास,

अपनों की आँखों से छलकते आँसू
नहीं पढ़ पाये तो अनपढ़ हैं हम

??? सुप्रभात ???


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