हे साँवरिया
मिली तुम्हारे प्यार की,जिस दिन से सौगात,
सोने जैसे दिन हुए , चांदी जैसी रात…!
राधै तुम्हारे रूप में, बसते चारों धाम,
तुम्हीं बरसाने की सुबह, तुम्हीं वृदांवन की शाम…!
?जय श्री राधै कृष्णा?
जय श्री श्याम जी
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हे साँवरिया
मिली तुम्हारे प्यार की,जिस दिन से सौगात,
सोने जैसे दिन हुए , चांदी जैसी रात…!
राधै तुम्हारे रूप में, बसते चारों धाम,
तुम्हीं बरसाने की सुबह, तुम्हीं वृदांवन की शाम…!
?जय श्री राधै कृष्णा?
जय श्री श्याम जी
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