पता नही कितने जनमों से

??जय श्री श्याम जी??
पता नही कितने जनमों से तेरी मेहरबानियों से झोलियाँ मेरी भरी पड़ी हैं
बस हाथ ना हटाना सिर से अपना
मेरे श्याम प्यारे
मेरी हर श्वास तेरे पास गिरवी पड़ी है…..✍?
??जय श्री श्याम जी??


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