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एक बात बताते हैं संतलोग,
बहुत ही रहस्यमय है।
कहते हैं कि जब कोई रसिक,
भक्त कृष्ण विरह में रोते हैं,
तब हमारी आँख से निकले,
एक-एक आंसू रुपी मोती की श्री जी माला बनाती है,
और उस माला को कृष्ण को पहनाती है।
उस अश्रु की माला को कृष्ण धारण करते हैं,
और जब उसका भार बहुत बढ़ जाता है,
तो कृष्ण राधा जी से कहते हैं,
हे राधे– अब इस भक्त के विरह भार को,
मैं सहन नहीं कर पा रहा।
अब तुम इस पर कृपा कर इसे अपनी शरण,
में ले लो और स्वामिनी राधे,
हमें अपनी शरण में ले लेती हैं।
???जय श्री राधे कृष्णा???
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