आँसू जानते हैं कौन अपना है;
तभी तो अपनों के सामने टपक जाते है।
मुस्कुराहट का क्या है;
वह तो ग़ैरों से भी वफ़ा कर लेती है..!!
एक उम्र वो थी कि.
जादू में भी यक़ीन था…!
एक उम्र ये है कि.
हक़ीक़त पर भी शक़ है….!!
??
जय श्री श्याम???शुभ रात्रि???
आँसू जानते हैं कौन अपना है;
तभी तो अपनों के सामने टपक जाते है।
मुस्कुराहट का क्या है;
वह तो ग़ैरों से भी वफ़ा कर लेती है..!!
एक उम्र वो थी कि.
जादू में भी यक़ीन था…!
एक उम्र ये है कि.
हक़ीक़त पर भी शक़ है….!!
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जय श्री श्याम???शुभ रात्रि???
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