कर्मा के खीचड़ में बसता…
मीरा के उस प्यार में….
नरसिंह की हुंडी में बैठा ….
गज की करूण पुकार में….
सच्चे मन से जो भी पुकारा….
पल में हुआ आभास है….
खाटू वाला श्याम धणी तो….
हम भक्तों का विश्वास है?
जय श्री श्याम जी?
???????
कर्मा के खीचड़ में बसता…
मीरा के उस प्यार में….
नरसिंह की हुंडी में बैठा ….
गज की करूण पुकार में….
सच्चे मन से जो भी पुकारा….
पल में हुआ आभास है….
खाटू वाला श्याम धणी तो….
हम भक्तों का विश्वास है?
जय श्री श्याम जी?
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