साँवरिया……………….✍?
बुरा हो इन बैरन अँखियन का
यह हमें बड़ा सतातीं हैं……….
मैं जब भी निहारता हूँ तुम्हें श्याम
यह हमेशा भर आतीं हैं………..
डबडबाई पलकों से
तकता हूँ साँबरे आपकी सूरत
ना जाने यह क्यों हमें भटकातीं हैं…
जय बाबा की
जय श्री श्याम???????????????
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