??ॐ सूर्य देवाय् नमः??
पैर में से काँटा निकल जाए तो..
चलने में मज़ा आ जाता है,
और मन में से अहंकार निकल जाए तो..
जीवन जीने में मज़ा आ जाता है..
चलने वाले पैरों में कितना फर्क है ,
एक आगे है तो एक पीछे ।
पर ना तो आगे वाले को अभिमान है
और ना पीछे वाले को अपमान ।
क्योंकि उन्हें पता होता है
कि पलभर में ये बदलने वाला है ।
” इसी को जिन्दगी कहते है “? ??
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? “खुश रहिये मुस्कुराते रहिये ?
? सुप्रभातम्?
? आपका दिन मंगलमय ?
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