थोडा थक गया हूँ , , ,
दूर निकलना छोड दिया है।
. . . पर ऐसा नहीं है की , , ,
मैंने चलना छोड दिया है ।।
फासले अक्सर रिश्तों में , , ,
. . . दूरी बढ़ा देते हैं।
. . . पर ऐसा नही है की , , ,
मैंने अपनों से मिलना छोड दिया है ।।
हाँ . . . ज़रा अकेला हूँ , , , दुनिया की भीड में।
. . . पर ऐसा नही की , , ,
मैंने अपनापन छोड दिया है ।।
याद करता हूँ अपनों को, ,
. . . परवाह भी है मन में।
बस , कितना करता हूँ , , ,
ये बताना छोड दिया।।
सुप्रभात
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